Hacking क्या है? Hacker क्या होते हैं? हैकिंग और हैकर कितने प्रकार के होते हैं?

Hacking Kya Hai? Hacker Kya Hote Hai? Hacker Kitne Types Ke Hote Hai? और भी बहुत साड़ी जानकारियां हम इस पोस्ट में जानने वाले हैं. अगर आपको इसके बारे में पता नही है तो आप इस पोस्ट अच्छे से last तक पढ़िए. हम आपको हैकिंग से related साड़ी basic जानकारी विस्तार से बताने का प्रयास करेंगे.

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आज कल का समय internet और computer का है. इंटरनेट ने अभी तक बहुत ज्यादा तरक्की कर लिया है. आज पूरी दुनियां इसका इस्तेमाल हर तरह के कामों के लिए किया जा रहा है. कहा जाता है की हर व्यक्ति आज के समय में किसी न किसी रूप में इन्टरनेट का उपयोग करता है.

हम मनोरंजन करने के लिए internet का इस्तेमाल करते हैं, बिसनेस मैन अपना बिसनेस grow करने के लिए इसका उपयोग करते हैं, इसी तरह public हर तरह के सरकारी काम के लिए भी आज के समय में internet का इस्तेमाल कर रहा है.

आज के समय में हर काम online हो गया है. पिछले कुछ सालों में हमारे देश में internet के क्षेत्र में काफी उच्च स्तर पर हुआ है. हर काम online हो गया है तो इससे लोगों को काफी फायदे भी हुए हैं. लोगों को बार बार ऑफिस के चक्कर नही काटना परता है.

Ethical Hacker Kaise Bane ? in Hindi

जिस तरह से internet का विकास हो रहा है ऐसे में हमारे सामने एक बहुत बड़ी चुनौती “Hacking” कि समश्या है. इसके बारे में लोग अभी बहुत ज्यादा चिंतित नजर नही आ रहे हैं, ऐसे में आगे चल कर यह हमारे लिए एक बहुत बड़ी issue हो सकती है.

जितने भी internet user है उन्हें हैकिंग के बारे में basic जानकारी होना जरुरी है. जैसे हैकिंग क्या है? hacker क्या होते हैं? hacker किसी site को hack कैसे करते है? hacker से कैसे बचें? ये सब बाते पता होना चाहिए. जबहि हम internet से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं.

आप सभी ने पहले हैकिंग के बारे में कहीं सुना होगा. अगर आपको इसके बारे में अच्छे से मालूम नही है. तो यह पोस्ट आपके लिए ही है. इसमें हम आपको hacker और हैकिंग के बारे में बहुत साड़ी जानकारी बताने वाले हैं. तो इस पोस्ट को निचे ध्यान से पढ़िए. और साथ ही अपने जानने वालों तक भी इस पोस्ट को पहुँचाएँ.

Hacking क्या होता है?

हैकिंग का मतलब होता है किसी computer system या network की कमजोरी का पता लगाना और उसका access अपने अक्ब्जे में कर लेना. इसको करने के लिए बहुत सारे methods होते हैं, जिनके बारे में हम निचे विस्तार से बात करने वाले हैं.

यह passwords और codes को crack करके भी किया जाता है, जो आपको किसी system में access देता है. इसका एक और सटीक डेफिनिशन ये भी है की हैकिंग की प्रक्रिया में हम किसी डिजिटल डिवाइस (जैसे कंप्यूटर, मोबाइल, टेबलेट आदि) या फिर network की access प्राप्त कर लेता है. जिससे वो घर बैठे ही वो उसे control कर सकता है.

अभी हम अपने laptop या computer में गेम खेल रहे हैं और हमें कुछ पता नही है. इसी दौरान hacker हमारे कंप्यूटर के सारे files को चुरा सकता है और हमारे computer की डाटा को delete भी कर सकता है. इसी को हम हैकिंग कहते हैं.

Hacker किसे कहते हैं?

इसका बहुत साधारण जवाब है की जो हैकिंग के काम को अंजाम देता है, उसे हम hacker कहते हैं. यानि हैकिंग करने वाले व्यक्ति को हम hacker कहते हैं.

Hacker कई प्रकार के होते हैं. एक हैकर को कंप्यूटर के बारे में हर एक चीज पता होना चाहिए. वो programming में बहुत ज्यादा माहिर होते हैं. कंप्यूटर चलाने के बारे में जितना हम अपने दिमाग में सोचते हैं वो उनसे आगे सोचते हैं.

एक हैकर को हमेशा नई नई technology के बारे में जानकारी रखना होता है. एक professional हैकर हम लोगों के मुकाबले काफी आगे की सोच रखता है. शायद इसीलिए hacker को पकड़ना उतना आसान नही होता है.

जिस तरह हम फिल्मों में देखते हैं की hacker थोडा सा computer का बटन दबाता है और पूरा system या network ही हैक हो जाता है. इसे देखने के बाद हमें लगता है की हैकिंग हाथ साफ करने का एक तरीका है और ये आसानी से हो जाता है. लेकिन असल में ऐसा नही है.

कोई हैकर ऐसे ही किसी भी system या network को नुकसान नही पहुंचाता है. सबसे पहले वो हमारी गलती को ढूंढता है और उसी का पता लगाकर हमारे computer या network का access ले लेता है.

Hacking के लिए सीखने की कोई limit नही होती है. यदि आप सोच रहे हो की 6 महीने या साल भर का course करके आप एक professional hacker बन सकते हो तो ये आपकी गलत फहमी है. आप एक hacker बन सकते हो लेकिन आप एक बहुत अच्छे hacker नही बन सकते हो. एक professional hacker हर दिन नई नई चीजे सीखता है और technology के बारे में जनता है, जिससे वो नई नई viruses और malware को बना पाते हैं.

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Hacking के प्रकार:

अब आपके मन में ये सवाल जरुर आया होगा की हैकिंग किस प्रकार के होते हैं. तो चलिए जानते हैं इसके बारे में.

Website Hacking: इस प्रकार के हैकिंग में किसी website के web server और उससे associated application जैसे database, cms आदि में अपना autherized access प्राप्त कर लेता है. इससे किसी साईट के सारे डाटा को चोरी किया जाता है या फिर उन्हें delete कर दिया जाता है.

Computer Hacking: इसके नाम से ही आपको पता चल रहा होगा की इस प्रकार के हैकिंग में किसी computer system को अपने कब्जे में कर लेता है. इससे hacker कहीं दूर से ही किसी computer में कोई भी काम कर सकता है. इसमें लिए hacker को किसी तरह से victim में computer में virus या फिर malware को पहुँचाना होता है. ये malware कहीं भी छुपा हो सकता है. यहाँ तक ही computer में कोई आपको photo में भी malware डाल के भेज सकता है और वो आपके computer को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे बचने के लिए computer में anti-virus का इस्तेमाल किया जाता है.

Network Hacking: इसके भी नाम से ही पता चल रहा होगा की इसमें hacker किसी प्राइवेट network का access अपने कब्जे में कर लेता है. जैसे की कोई company है, जिसके ऑफिस में बहुत सारे computer एक साथ Local area network (LAN) माध्यम से जुड़े हुए हैं तो hacker LAN में किसी प्रकार unauthorized access प्राप्त कर लेता है. उसके बाद network से जुड़े हुए सारे computer को नुकसान पहुंचा सकता है.

Password Hacking: इस प्रकार के हैकिंग में कई सारे tools की मदद से password को पता किया जाता है फिर आपके system या फिर network को अपने कब्जे में किया जाता है.

Ethical Hacking: इस प्रकार के हैकिंग में hacker किसी system या फिर network का unautherized access नही लेता है. बल्कि इसमें hacker किसी system या फिर network की कमजोरी का पता लगते हैं और फिर उन्हें ठीक करते है. इसका इस्तेमाल हर बड़े बड़े ऑनलाइन संस्थाओं द्वारा किया जाता है.

Hacker कितने प्रकार के होते हैं?

Basically hackers तीन प्रकार के होते हैं. Black Hat, White Hat, और Gray Hat हैकर. हम इन तीनों के बारे में निचे विस्तार से जानेंगे. इसके अलावा भी कई types होते हैं, उनके बारे में भी हम जानेंगे.

Black Hat Hacker

“Black hat” term को western movie से लिया गया है. जिसमे एक बुरा आदमी black कलर का टोपी पाहन हुआ होता है. और अच्छे लड़के के सर पर white hat होते हैं. इन्हें हम cracker के नाम से भी जानते हैं.

कोई Black hat hacker अपनी व्यक्तिगत लाफ के लिए किसी computer या फिर network में चुपके से access gain कर लेता है. फिर वहाँ से सारा डाटा चुरा लेता है और बाद में उसके owner से वे लोग इसके बदले पैसे मांगते हैं.

इस तरह के hacker पैसे के लिए कुछ भी कर सकता है. यह बड़ी बड़ी company पर भी attack कर देता है और उनसे करोड़ों रुपये लेते हैं. ये लोग अपने आप को पूरी तरह से छुपा कर रखते हैं.

ये लोग बहुत ज्यादा चालक और शातिर होते हैं. इनके बारे में पता लगाना बड़े बड़े साइबर department को भी मुश्किल हो जाता है.

उदाहरण के लिए ये लोग पहले हमारे computer में किसी तरह से attack करेंगे फिर वो हमारे computer से कई प्रकार की निजी जानकारी जैसे passwords, credit card details, corporate data को हमसे चोरी कर लेते हैं और फिर हमारे computer से delete भी कर देते हैं. फिर इन्ही डाटा को वापिस लेने के लिए हमसे पैसे मंगाते हैं.

White Hat Hacker

White Hat Hacker को हम ethical hacker के नाम से भी जानते हैं. ये लोग किसी भी computer या फिर network का access उसके owner के इजाजत के बगैर नही लेता है. मतलब ये लोग black hat hacker के बिलकुल विपरीत काम करता है.

बड़े बड़े companies और organizations अपने डाटा को secure रखने के लिए white hat hacker को रखते हैं. ये उनके system या फिर network की गलती को पता लगते रहता है, जिनकी वजह से उनका डाटा hack हो सकता है, फिर उसे ठीक कर देता है. ताकि black hat hacker उसे hack नही कर पाए.

कम्पनी इन्हें खुद काम पर रखता है और पैसे देता है ताकि वो उनके company को हैकिंग जैसी समश्याओं से बचा पाए. कम्पनी इन्हें खुद कहता है की आप मेरे डाटा को आक्सेस करो और पता लगाओ की इसमें कोई security समश्या तो नही.

कुछ companies जैसे की Facebook, Microsoft, Google अपने पास white hat hackers को रखता है. ताकि उनकी security को कोई खतरा नही हो.

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Grey Hat Hackers

जैसा की इसके नाम से प्रतीत हो रहा है की इसमें थोडा सा black hat की खूबी और थोड़ी सी white hat hacker की खूबी होती है. इस तरह के हैकर पूरी तरह से अपराधी भी नही होते हैं और न ही पूरी तरह से मासूम होते हैं.

इन hackers को शारारती hacker भी कहा जाता है. ये लोग किसी के बिना permission को उसके system या फिर network में access ले लेते हैं लेकिन इनका इरादा गलत नही होता है. ये लोग सिर्फ मजे के लिए ये सब करते हैं और आपका नाम ऊँचा करने के लिए ये सब करते हैं.

ये लोग किसी आर्गेनाईजेशन के बिना इजाजत के उसके system या फिर उसके network को अपने control में तो कर लेते हैं. लेकिन उनका मकसद वहाँ से डाटा चुराना नही होता है. ये लोग सिर्फ टेस्टिंग और मजे के लिए ये सब करते हैं. फिर भी ये गलत ही माना जाता है, क्योकि ऐसे hacker बिना आर्गेनाईजेशन के permission के उनपर attack करते हैं.

ये लोग पहले security weakness का पता लगते हैं और फिर किसी system या फिर network पर हमला करते हैं. हमला करने के बाद ये लोग वहां पर किसी डाटा को नुकसान नही पहुंचाता है और न ही डाटा चुराता है.

ऐसे hacker सामान्यतः हैकिंग के बाद अपना पहचान जरुर छोड़ देते हैं. अगर किसी system को hack किया तो वहां कुछ इस तरह का message show करता है “Hacked by xyz” इससे पता चलता है की ये लोग सिर्फ अपनी fame के लिए ही हैकिंग करते हैं.

Miscellaneous Hackers

ऊपर बताये गये हैकिंग टाइप को छोड़ कर अब hackers को उनके हैकिंग के प्रकार और हैक करने के तरीके के according बांटा गया है. तो चलिए इनके बारे में भी जान लेते हैं.

Red Hat Hackers

Red hat hacker में भी black और white hat दोनों का मिश्रण होता है. ये मुख्यतः government agencies, top secret information hubs और वे सभी चीजें जो sensitive जानकारी से सम्बन्धित होता है, को hack करके उसे प्राप्त करने के काम करता है. इन्टरनेट पर आज भी बहुत सारे ऐसे सीक्रेट्स छुपे हुए हैं, जिन्हें निकलना हमारे लिए बहुत कठिन है. ये लोग उसी का पता लगते रहते हैं.

Blue Hat Hackers

Blue hat hackers वो होते हैं, जिन्हें हैकिंग के बारे में जानकारी होती है, और ये किसी company के लिए काम नही करता है. मतलब ये लोग freelancing करके काम करते हैं. इन्हें network security, computer software, programming, से related सभी जानकारी होती है और ये लोग freelancing के द्वारा किसी company के network को सही करते हैं.

Elite Hackers

यह hackers community के बिच एक social status होता है, जिसका उपयोग ये लोग ये पता लगाने के लिए करते है की उनमे से कौन सबसे ज्यादा skilled हैं. जिनके पास exceptional skill मौजूद होते हैं, सिर्फ उन्ही लोगों को ये प्राप्त होता है.

Script Kiddle

Scipt kiddle के नाम से ही पता चल रहा होगा की ये इस फील्ड में बिलकुल non-expert होते हैं. ये लोग किसी network या फिर system को access करने के लिए pre-packaged automated tools का इस्तेमाल करते हैं, जो दुसरे लोगों के द्वारा बनाये गये होते हैं.

ये लोग किसी गाइड को पढ़कर या विडियो देखकर हैकिंग करने का प्रयास करते हैं, उन्हें इस फील्ड में ज्यादा idea नही होता है. इसलिए इन्हें kiddle (बच्चा) कहा जाता है.

Neophyte

एक Neophyte, “n00b” या newbie या फिर green hat hacker तीनों एक ही होते हैं. ये लोग वो लोग होते हैं जो हैकिंग या phreaking में बिलकुल नये होते हैं.  इन्हें हैकिंग के बारे में almost कुछ भी जानकारी नही होती है. मलतब ये इस फील्ड में अभी entry ही करते हैं तो उन्हें ही हम neophyte कहते हैं.

Hacktivist

Hacktivist उन hackers को कहा जाता है जो social, ideological, religious या polical massage को फ़ैलाने का काम करते हैं. यह किसी nation के द्वारा भी दुसरे nation को target करने के लिए किया जाता है.

Hacking के प्रकार:

अभी हमने ऊपर hackers के प्रकार के बारे में जाना और अब हम हैकिंग के पारकर के बारे में जानते हैं. चलिए अब हम इसके बारे में भी जान लेते हैं.

Phishing

ये वो fishing नही होते हैं जिन्हें मछली को जाल में फसाया जाता है. बल्कि ये उसी से मिलता जुलता होता है. hacker किसी की personal information जैसे account password, credit card details और भी कई तरह की जानकारी प्राकर करने के लिए phising method का इस्तेमाल करते हैं.

इस method में hacker पहले किसी बड़े website जैसे facebook, gmail, etc के जैसा एक webpage बनाता है. ये दिखने में बिलकुल असली website के जैसा होता है लेकिन इसका URL बिलकुल same नही होता है. इसका URL original website के बिलकुल सिमिलर ही होता है लेकिन same नही होता है. इसके URL को किसी तरह विक्टिम के पास भेजा जाता है, और विक्टिम उसे असली website समझकर उसमे अपनी login information दे देते हैं. उसके बाद विक्टिम के निजी जानकारी hacker के पास चला जाता है. इसलिए किसी भी site में login या निजी जानकारी share करने से पहले उनके URL को अच्छी तरह से चेक कर लें.

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Virus, Trojan

यह किसी hacker के द्वारा रिलीज़ किये जाते हैं. इसको बनाने के बाद किसी तरह विक्टिम के system या network में इसको एंटर कर दिया जाता है. ये लोग किसी भी files के अन्दर virus को छिपा देते हैं. जब भी हम internet या कही से कोई जरुरी files download करते है तो उसी के अन्दर भी ये छुपा हुआ हो सकता है. किसी system में virus के प्रवेश होने के बाद hacker उनपर अपना कब्ज़ा जमा लेते हैं फिर वो किसी भी files को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

UI Redress

इस method में hacker एक fake user interface बनाते हैं और जब user किसी certain website में जाने के इरादे से इसपर click करता है तो ये किसी दुसरे website में redirect हो जाता है. फिर user उसे असली site समझकर अपनी जाकारी दे देते हैं.

Cookie theft

Hacker malicious codes के द्वारा किसी website में एंटर कर जाते हैं, और वहाँ से cookies को चोरी कर लेते हैं. जिसमे की confidential information, login password वगैरह होते हैं.

यह hacking attack उन website पर आसानी से किया जा सकता है जो SSL (HTTPS) का उपयोग नही करते हैं. इसलिए जब आप किसी वेबसाइट पर अपना login information या दूसरी निजी जानकारी share करते हो तो चेक कर लें की उस website में HTTPS है. अगर नही हो तो ऐसे site में निजी जानकारी share करने से बचिए.

DNS Spoofing

इसमें basically किसी website या domain का cache data use किया जाता है, जिन्हें user शायद भूल जाता है. इससे user किसी नये website पर भी visit करता है तो उन्हें लगता है की वो इसपर पहले भी आ गया है. और इसी कारण वो यहाँ पर अपनी निजी जानकारी share कर देते हैं.

Keylogger

Keylogger एक साधारण सा software होता है, जो की user के keyboard के log files पर अपनी नजर रखता है. इस log file में user ने जितने भी चीज अपने keyboard से type किया होता है सारा डाटा होता है. इसमें किसी website में आप अपना username और password देकर login करते हैं तो उसका भी डाटा इसमें store होकर रहता है.

इसके program को hacker लोग किसी भी device जैसे computer, mobile या कोई दुसरे हार्डवेयर devices में install कर देता है. Keylogger ही एक सबसे बड़ा कारण है, जिससे आप यदि online banking करते हैं तो वहां आपको webpage में ही keyboard मिलता है.

यह किसी भी दुसरे software या फिर program में भी implement हो सकता है. मतलब अगर आप कोई काम की software या game डाउनलोड करते हो तो उसमे भी keylogger add किया हो सकता है.

Bait and Switch

इस तरह के हैकिंग का शिकार आज के समय में ज्यादा तर लोग होते हैं. इसमें hacker पहले अपना script तैयार करता है फिर किसी third party advertising company में अपने site को advertising करते है. Advertising banner में कुछ ऐसा लिख देते हैं जिससे कोई भी users उसपर आसानी से click कर देता है.

जब भी कोई user इसपर click करता है तो ये किसी ऐसे site पर redirect कर देता हैं, जहाँ malicious code भरा हुआ होता है. इसमें visit करते ही उसके system में virus या malware install हो जाता है. फिर hacker उनके system को आसानी से access कर लेता है. इस तरह के advertise ज्यादातर pirate website में देखने को मिलती है.

निष्कर्ष,

उम्मीद है दोस्तों आब आपको पता चल गया होगा की हैकिंग क्या होता है? हैकर क्या होते हैं? ये कितने प्रकार के होते हैं? इससे सम्बन्धित बहुत साड़ी जानकारी आपको इस पोस्ट में जानने को मिली होगी. अगर आपको साइबर क्राइम के बारे में जानकारी नही है तो इसको भी आपको जानना चाहिए. इस लेख को जरुर पढ़ें.

अगर आपको इस पोस्ट से सम्बन्धित कोई भी जानकारी share करना है तो हमें comment करके जरुर बताएं. साथ ही हमें अपना सुझाव भी दे ताकि हम आपके लिए और भी बेहतर लेख ला सकें.

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