लाल किला पर निबंध 1 (100 शब्द)
लाल किला भारत में महान ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है। यह दिल्ली के केन्द्र (नई दिल्ली) में स्थित है। इसका निर्माण मुगल सम्राट, शाहजहाँ ने कराया था। दिल्ली ब्रिटिश सरकार द्वारा मुगल सम्राट, बहादुर शाह जफर को 1857 में निष्कासित किए जाने तक मुगलों की राजधानी थी। यह यमुना नदी के किनारे पर स्थित है।
लाल किले की दीवारों का निर्माण 30 मीटर ऊँचे पत्थरों का प्रयोग करके किया गया है। इसके निर्माण को पूरा करने में लगभग नौ साल लगे। यह दिल्ली के लाल किले के नाम से भी जाना जाता है। यह देश की राजधानी की प्रसिद्धी को कई सालों से बढ़ा रहा है। इसका निर्माण लाल पत्थरों और संगमरमर का प्रयोग करके उस समय के कुशल कलाकारों द्वारा किया गया था।
लाल किला पर निबंध 2 (150 शब्द)
लाल किला भारत के महान स्मारकों में से एक है। यह नई दिल्ली में, शहर के केन्द्र में स्थित है। लाल किला, देश की राजधानी में, बहुत सी ऐतिहासिक इमारतों में सबसे ज्यादा महान है। यह पूरे विश्वभर में प्रसिद्ध है। यह भारत की शान बन गया है और पूरे विश्वभर के कोने-कोने से लोग इसे देखने के लिए आते हैं। यह मुगल सम्राट शाहजहां के द्वारा, 1648 में उस समय के कुशल कारीगरों की मदद से बनवाया था। यह बहुत लम्बें पत्थरों का प्रयोग करके बनाया गया है और इसके निर्माण को पूरा होने में लगभग नौ साल लगे।
यह लगभग यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। यह दिल्ली में चाँदनी चौक बाजार के सामने स्थित है। यह अन्दर और बाहर की तरफ से बहुत सुन्दरता से बनाया गया है। इसके अन्दर मुगल काल के ऐतिहासिक अवशेष बड़े और भव्य संग्रहालय में परिसंपत्ति के रुप में रखे गए हैं। सार्वजनिक दर्शकों के लिए हॉल के रुप में दीवन-ए-आम है। बैठक करने के उद्देश्य से इसमें एक दीवान-ए-खास भी है।
लाल किला पर निबंध 3 (200 शब्द)
लाल किला दिल्ली में शहर के बिल्कुल केन्द्र में स्थित है। यह हिन्दुस्तानी लाल किले के रुप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह लाल बलुआ पत्थरों के प्रयोग से बनाया गया है। यह मूल रुप से, प्राचीन काल से ही आशीर्वाद किला अर्थात् किला-ए-मुबारक के रुप में जाना जाता है। भारत के मुगल शासक लगभग 200 साल पहले से 1857 तक यहाँ रहा करते थे। इसमें एक बड़ा संग्रहालय है, एक दीवान-ए-आम (सार्वजनिक दर्शकों के लिए) और दीवान-ए-खास (बैठकों के उद्देश्य के लिए)। यह मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा 1648 में यमुना नदी के किनारे बनवाया था।। यह शाहजहानाबाद (शाहजहां की 5 वीं मुगल सम्राट राजधानी) के सुसज्जित महल के रूप में बनाया गया था।
यह पुराने सलीमगढ़ किला, जो सन् 1546 में इस्लाम शाह सूरी के द्वारा बनवाया गया था से सटा हुआ है। दोनों ही पानी की धार के साथ जुड़े हुए हैं, जिसे स्वर्ग (नहर-ए-बहिश्त) की धारा कहा जाता है। यह तिमुरिड, फारसी और हिंदू परंपराओं का मिश्रण सहित इस्लामी प्रतिकृति का उपयोग कर नवीन स्थापत्य शैली में बनाया गया था। इसे यूनेस्को द्वारा 2007 में विश्व विरासत स्थल के तहत लिया गया है। हर साल 15 अगस्त को, प्रधानमंत्री के द्वारा एक भारतीय ध्वज, इसके मुख्य द्वार पर देश के प्रतिष्ठित प्रतीक के रुप में फहराया जाता है।
लाल किला पर निबंध 4 (250 शब्द)
लाल किला भारत का बहुत सुन्दर ऐतिहासिक स्मारक है। यह नई दिल्ली में शहर के बीच में स्थित है। इसका निर्माण शाहजहां (महान मुगल सम्राट अकबर का पौता) के द्वारा कराया गया था। इसे खूबसूरती से तैयार किया गया है और स्थापत्य शैली में कुशल कारीगरों द्वारा निर्मित किया गया है। यह देश में राजनीतिक उपलब्धियों और प्रशासनिक नवाचारों का केंद्र बन गया है। यह प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थापत्य कला; जैसे- ताजमहल, जामा मस्जिद, मयूर सिंहासन, मोती मस्जिद आदि में से एक है। शाहजहां ने यहाँ 31 सालों, (मुगल स्थापत्य कला और ललित कला का स्वर्णकाल) 1627-1658 तक शासन किया था।
उसने कुशल कारीगरों और पेशेवर कारीगरों को बुलाकर यमुना नदी के पश्चिम में लाल बलुआ पत्थरों का प्रयोग करके लाल किले की प्रतिकृति को तैयार करके उसका निर्माण करने का आदेश दिया था। इसमें एक संग्रहालय, रंग महल, मोती महल, दीवान-ए-आम और दीवान-ए-खास जैसी सुन्दर संरचनाएं हैं। मंडप के आसपास बहुमूल्य रत्न, बहुमूल्य पत्थर, और सिल्वर लाइनों को लगाकर सजाया गया है। दीवान-ए-खास खूबसूरती से सजाया गया है और इसकी दीवारों पर निम्नलिखित सीख को उत्कीर्ण किया गया है कि, “यदि पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है, तो वह यहीं है, वह यहीं है, वह यहीं है”। इसके अन्दर एक दीवान-ए-आम का भी निर्माण एक सार्वजनिक दर्शकों के हॉल के रुप में किया गया है। अन्य सर्वोकृष्ट संरचना जैसे मोती मस्जिद को रंग महल के पास बनाया गया है। शाहजहां बहुत प्रसिद्ध मुगल सम्राट था और “इमारतों के युवराज” के रुप में जाना जाता था। प्रत्येक स्वतंत्रता दिवस पर, भारत के प्रधानमंत्री यहाँ राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण करते हैं।
लाल किला पर निबंध 5 (300 शब्द)
लाल किला देश का राष्ट्रीय प्रतीक है। यह भारत का सबसे सुन्दर और अलग ढ़ंग से तैयार किया गया स्मारक है। पूरे भारत में बहुत से ऐतिहासिक स्थल हैं हालांकि, यह सबसे अधिक गौरवान्वित और आकर्षक है। यह उच्च कौशल वाले कारीगरों के द्वारा बहुत खूबसूरती से तैयार और निर्मित किया गया है। यह देश का ऐतिहासिक प्रतीक है और शैक्षणिक और ऐतिहासिक मूल्य का स्मारक बन गया है। अभिभावक आमतौर पर, यहाँ अपने बच्चों के साथ छुट्टियों में ऐतिहासिक स्थल और स्मारकों के बारे में उन्हें कुछ ज्ञान प्रदान करने के लिए आते हैं। यह विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थल बन गया है।
लाल किला, नई दिल्ली में, यमुना नदी के किनारे पर शहर के बिल्कुल केन्द्र में स्थित है। यह प्रसिद्ध मुगल सम्राट, शाहजहां के द्वारा 1648 में 17वीं शताब्दी के दौरान निर्मित कराया गया था। यह लाल पत्थरों का प्रयोग करके निर्मित किया गया है। यह महान ऐतिहासिक स्थल है और दिल्ली में, सलीमगढ़ किले के पास स्थित है। दिल्ली में लाल किले पास अन्य ऐतिहासिक स्थल, कुतुब मीनार, हुमायूँ का मकबरा आदि हैं। हमारे स्कूल के प्रधानाचार्य हर साल हमारे लिए लाल किला देखने की व्यवस्था करते हैं। वहाँ से लाल किले को देखकर वापस आने के बाद हमें अपनी कक्षा में लाल किले पर गृह कार्य को प्रस्तुत करना पड़ता है। यह बहुत से देशों के लोगों के लिए आकर्षण का स्थल है।
यह भारत में प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है, जहाँ हर साल बहुत से देशों से लोगों की एक भारी भीड़ आती है। भारत के प्रधानमंत्री, यहाँ हर साल 15 अगस्त, अर्थात् स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, राष्ट्रीय ध्वज का (लाहौरी गेट की प्राचीर पर) ध्वजारोहण (फहराते) करते हैं। यह 2007 में विश्व धरोहर स्थलों में से एक के रूप में यूनेस्को द्वारा में चयनित किया गया है।
लाल किला पर निबंध 6 (400 शब्द)
लाल किले को रेड फोर्ट के नाम से भी जाना जाता है और यह शहर के बिल्कुल बीच में स्थित है। यह ऐतिहासिक स्थापत्य कला की उत्कृष्ट कृति है और बहुत से देशों के लोगों के लिए पर्यटन का आकर्षक स्थल है। इसे देश की ऐतिहासिक सम्पत्ति के रुप में स्वभाविक और सुरक्षित बनाने के लिए, भारत की सरकार के द्वारा समय-समय पर इसकी देखरेख की है। यह मुगल सम्राट शाहजहाँ के द्वारा, 17वीं शताब्दी में वर्ष 1648 में, यमुना नदी के किनारे पर बनवाया गया था। यह नई दिल्ली में सलीमगढ़ किले के पास स्थित है। भारत के स्वतंत्रता दिवस पर, प्रधानमंत्री यहाँ राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हैं। लाल किला अपने आप में बहुत सी सुन्दर संरचनाओं (जैसे- रंग महल या रंगों का महल, मुमताज महल, खास महल, हरम, शाह बुर्ज, दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम, नहर-ए-बहिश्त (स्वर्ग की धारा) आदि) को लिए हुए है। यह लाल पत्थरों का प्रयोग करके निर्मित किया गया था और इसको उच्च कुशल और पेशेवर कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है। पहली मंजिल पर युद्ध स्मारक संग्रहालय रखे हैं।
शीश महल (शीश का अर्थ है- शीशा और महल का अर्थ है- राजमहल) उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों में स्थित है। अच्छी तरह से तैयार किया गया खास महल (सम्राट का महल) को एक विशेष कमरे के रुप में निजी उद्देश्यों; जैसे- पूजा करने या सोने आदि के लिए बनाया गया है। सफेद संगमरमर का प्रयोग करके यमुना के किनारे की ओर एक बहुत अच्छी बॉलकनी तैयार की गई है। यहाँ एक अच्छी तरह से तैयार किया गया मयूर सिंहासन भी है। इसकी दीवारों पर लिखा गया है कि, “यदि धरती पर कहीं स्वर्ग है तो वह यहीं है, यहीं है, यहीं है।” महल के अन्दर सम्राट के निजी उद्देश्यों और अकेले में आराम करने के लिए अच्छी तरह से तैयार किया गया एक शाह बुर्ज है। मोती मस्जिद को पर्ल मस्जिद भी कहा जाता है, जो राजमहल में सम्राट औरंगजेब के द्वारा जुड़वाया गया है। इसमें तीन गुम्बदें हैं और जो बहुत ही लालित्यपूर्ण लगते हैं। मोती मस्जिद के उत्तर में हयात बक्स अर्थात् मुगल गार्डन है, जो शाहजहां के द्वारा बनवाया गया था।
जीवांत समारोह और दावतों का आयोजन करने के लिए वहाँ एक शाह बुर्ज की राजसी मीनार भी है। दिल्ली के लाल किले को, महान मुगल महल के रुप में माना जाता है और शाहजहां के साम्राज्य के हृदय के रुप में जाना जाता है। लाल किला भारत के साथ ही विदेशों के लोगों के लिए भी पर्यटन के लिए शानदार और आकर्षक स्थान है। पिछले साल, मैं अपने माता-पिता के साथ लाल किला देखने के लिए गया था, जहाँ मैंने बहुत मस्ती की और किले के साथ ही इसके इतिहास के बारे में बहुत सा ज्ञान प्राप्त किया।