मेरा परिवार पर निबंध 1 (100 शब्द)
एक घर में एक साथ रहने वाले दो, तीन या अधिक व्यक्तियों के एक समूह को परिवार कहते हैं। परिवार में सदस्यों की संख्या के अनुसार परिवार छोटा, मूल परिवार, बड़ा मूल परिवार या संयुक्त परिवार हो सकता है। परिवार के सदस्यों के बीच खून, विवाह, गोद लेना, आदि जैसे विभिन्न संबंधों के कारण पारिवारिक रिश्ता हो सकता है। अपने संपूर्ण विकास और समाज में भले के लिये एक नये पैदा हुए बच्चे को सकारात्मक पारिवारिक रिश्तों की ज़रुरत होती है।
स्वस्थ पारिवारिक रिश्तें बच्चों में अच्छी आदतें, संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देने में मदद करती है। समुदाय में पूरे जीवन के लिये नयी पीढ़ी के बच्चों को तैयार करने में एक परिवार मुख्य भूमिका निभाता है। एक स्वस्थ परिवार की ज़रुरत सभी को होती है खासतौर से एक बच्चे और बूढ़े लोगों के लिये।
मेरा परिवार पर निबंध 2 (150 शब्द)
इस दुनिया में बिना परिवार के कोई भी व्यक्ति अधूरा होता है क्योंकि परिवार हम सभी के जीवन का एक अभिन्न अंग है। परिवार कहे जाने वाले समूह में सामाजिक प्राणी के रुप में मानव जाति को देखा जाता है। पूरे जीवनभर के दौरान परिवार बहुत महत्पूर्ण भूमिका निभाता है। एक परिवार छोटा परिवार, छोटा मूल परिवार, बड़ा मूल परिवार या संयुक्त परिवार हो सकता है। एक परिवार में बहुत सारे रिश्ते हो सकते हैं जैसे दादा-दादी, माता-पिता, पत्नी, पति, भाई, बहन, चचेरे भाई-बहन, चाचा, चाची आदि।
एक सकारात्मक परिवार अपने सभी सदस्यों को ढेर सारे सुविधाएँ उपलब्ध कराता है जहां हर कोई परिवार के अंदर एक बराबर जिम्मेदारियों को बाँटता है। एक-दूसरे की खुशी और दुख में परिवार का सदस्य भावनात्मक रुप से जुड़ा होता है। वो लोग एक-दुसरे को उनके बुरे समय में मदद करते हैं जो सुरक्षा का एहसास कराते हैं। एक परिवार पूरे जीवनभर अपने सभी सदस्यों को प्यार, उत्साह और सुरक्षा प्रदान करती है जो इसे एक पूरा परिवार बनाती है। एक अच्छी और स्वस्थ परिवार, एक अच्छे समाज का निर्माण करती है और एक अच्छे समाज से ही एक अच्छे देश का निर्माण संभव हो सकता है।
मेरा परिवार पर निबंध 3 (200 शब्द)
मेरा परिवार एक छोटा मूल परिवार है जो एक मध्यम वर्ग परिवार से संबंधित है। मेरे परिवार में चार सदस्य है एक पिता, एक माँ, मैं और मेरी छोटी बहन। दूसरे भारतीय परिवारों की तरह, हमलोगों का परिवार बड़ा नहीं है। हमलोग भारत के गाज़ियाबाद शहर में रहते हैं, हालांकि मेरे दादा-दादी ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं। मेरे दादा-दादी के साथ मेरा परिवार एक छोटा संयुक्त परिवार बन जाता है। मेरा परिवार एक परिपूर्ण, सकारात्मक और खुशहाल परिवार है जो मुझे और मेरी बहन को ढेर सारा प्यार, उत्साह और सुरक्षा देता है। मैं अपने परिवार में बहुत खुशी महसूस करता हूँ क्योंकि ये मेरा ध्यान रखती है और मेरी सभी ज़रुरतों को पूरा करती है। एक खुशहाल परिवार अपने सदस्यों को निम्न सुविधाएँ उपलब्ध कराती है:
- परिवार एक इंसान को बड़ा करता है और एक पूर्ण मानव जाति में विकसित करता है।
- ये सुरक्षा और प्यारा वातावरण उपलब्ध कराता है जो हमारी खुशी और समस्याओं को बाँटने में मदद करता है।
- ये व्यक्ति को सामाजिक और बौद्धिक बनाता है।
- परिवार में रहने वाला व्यक्ति अकेले रहने वाले इंसान से ज्यादा खुश रहता है।
- बाहरी विरोधों से ये सुरक्षा प्रदान कराता है।
- एक परिवार समाज और देश के लिये खुश, सक्रिय, जल्दी सीखने वाला और बेहतर नयी पीढ़ी उपलब्ध कराती है।
- एक परिवार एक व्यक्ति को भावनात्मक और शारीरिक रुप से शक्तिशाली, ईमानदार और आत्मविश्वासी बनाती है।
मेरा परिवार पर निबंध 4 (250 शब्द)
मेरा परिवार एक बड़ा संयुक्त परिवार है हालांकि एक खुशहाल परिवार है। मेरा पूरा परिवार वाराणसी में रहता है, मेरे परिवार में कई सदस्य हैं जैसे दादा-दादी, माता-पिता, भाई, बहन, चाचा, चाची, मेरे चचेरे भाई-बहन। मेरे संयुक्त परिवार में तीन बड़ा मूल परिवार है जिसमें एक सभी के दादा-दादी और तीन अभिभवक और उनके कई बच्चे हैं। संयुक्त परिवार के बहुत सारे फायदे और नुकसान हैं जो मैं यहां उल्लिखित कर रहा हूँ।
संयुक्त परिवार के कुछ लाभ:
- ये जीने का एक बेहतर तरीका उपलब्ध कराते हैं जो उचित वृद्धि के लिये अत्यधिक योगदान करता है।
- संयुक्त परिवार न्यायसंगत अर्थव्यवस्था के सिद्धांत का अनुसरण करती है और गुणवत्तापूर्ण अनुशासन और दूसरे सदस्यों का बोझ बाँटना सीखाती है।
- संयुक्त परिवार के सदस्यों के पास आपसी सामंजस्य की समझ होती है।
- एक बड़े संयुक्त परिवार में, बच्चों को एक अच्छा माहौल और हमेशा के लिये समान आयु वर्ग के मित्र मिलते हैं इस वजह से परिवार की नयी पीढ़ी बिना किसी रुकावट के पढ़ाई, खेल और अन्य दूसरी क्रियाओं में अच्छी सफलता प्राप्त करती हैं।
- संयुक्त परिवार में विकास कर रहे बच्चों में सोहार्द की भावना होती है अर्थात् मिलनसार तथा किसी भी भेदभाव से मुक्त होते हैं।
- परिवार के मुखिया की बात मानने के साथ ही संयुक्त परिवार के सदस्य ज़िम्मेदार और अनुशासित होते हैं।
संयुक्त परिवार में रहने के कुछ नुकसान भी होते हैं जो यहां बताए जा रहें हैं:
- संयुक्त परिवार में उचित नियमों की कमी की वजह से कई बार कुछ सदस्य कामचोर हो जाते हैं और उनकी दूसरे की कमाई पर खाने की आदत बन जाती है। वो परिवार के अन्य अच्छे और सीधे सदस्यों का शोषण करना शुरु कर देते हैं।
- कुछ मामलों में, आमतौर पर संयुक्त परिवार की ऊँची हैसियत और अधिक पैसा कमाने वाले सदस्य कम हैसियत और कम पैसा कमाने वाले सदस्य का अपमान करते हैं।
- कई बार अधिक पैसा कमाने वाले सदस्य अपने बच्चों को अच्छे और महँगे स्कूलों में पढ़ाते हैं जबकि कम आय वाले सदस्यों के बच्चों के बोझ को कभी नहीं बांटते हैं इसलिये संयुक्त परिवार के बच्चों के बीच भेदभाव की भावना आ जाती है।
- उदारता की भावना, भातृतुल्य प्यार और अकेलेपन के एहसास के असंतुलन के कारण संयुक्त परिवार में अलग होने की संभावना ज्यादा होती है।
मेरा परिवार पर निबंध 5 (300 शब्द)
एक माता-पिता और दो बच्चों के साथ एक छोटे परिवार को मूल परिवार कहा जाता है। एक परिवार में एक माता-पिता और तीन या उससे अधिक बच्चों के साथ एक बड़ा मूल परिवार कहलाता है। एक परिवार में कई अभिभावक और उनके कई बच्चों सहित एक संयुक्त परिवार कहलाता है। मेरे परिवार का प्रकार एक बड़ा मूल परिवार है जिसमें माता, पिता, दो भाई और दो बहनों के साथ पूरे 6 सदस्यों का परिवार है। मैं अपने परिवार के साथ रहता हू और बहुत खुश हूँ। परिवार के लोग मेरा बहुत ध्यान रखते हैं और समय दर समय उचित दिशा प्रदान करते हैं। मेरे दादा-दादी गाँव के अपने घर में रहते हैं जहां हम अपनी गर्मियों की छुट्टियों में जाते हैं और खूब मस्ती करते हैं। मेरे दादा-दादी घर के सभी बच्चों का बहुत ध्यान रखते हैं। वो आमतौर पर रात में एक प्यारी कहानी सुनाते हैं जिसका हम बहुत आनन्द उठाते हैं। हम उनके साथ सभी पलों का आनन्द लेते हैं और उन सभी यादों को अपने मोबाईल में कैद कर लेते हैं।
मेरे माता-पिता मेरे दादा-दादी को बहुत प्यार करते हैं तथा हमेशा उनकी ज़रुरतों का ध्यान रखते हैं। हम जब भी गाँव जाते हैं, उनकी ज़रुरत की ढेर सारी वस्तुओं को उन्हें देते हैं। मेरे अभिभावक लगभग हर दिन मेरे दादा-दादी से मोबाईल पर बात करते हैं। मैं बहुत भाग्यशाली हूं और परिवार में ऐसे प्यारे और चिंताशील सदस्यों के होने से बहुत खुशी महसूस करता हूं। मैं जब अपने घर लौटता हूं तो मैं अपने दादा-दादी को बहुत याद करता हूं।
मेरी माँ बहुत प्यारी हैं और हम सभी को प्यार करती है और ध्यान रखती हैं। वो हर दिन हमें लज़ीज नाश्ता और भोजन देती हैं। मेरे माता-पिता एक दूसरे का बहुत ख्याल रखते हैं। नयी पीढ़ीयों को देने के लिये मेरी माँ भारतीय संस्कृति और परंपरा के बारे में हमें बताती है। हमलोग खुशी से सभी त्योहारों और उत्सवों को अपने गाँव में दादा-दादी के साथ मनाते हैं और एक-दूसरे को उपहार देते हैं। हम शहरों में एक आधुनिक जीवन-शैली में जीते हैं, हालांकि गाँव में देहाती जीवन-शैली को भी खूब पसंद करते हैं। मेरे माता-पिता दोनों मुझे गृहकार्य में मदद करते हैं। हमलोग रात के खाने पर और मैदान में एक-दूसरे के साथ कुछ समय बिताते हैं।
मेरा परिवार पर निबंध 6 (400 शब्द)
मेरा परिवार दुनिया का सबसे प्यारा परिवार है और समाज की एक महत्वपूर्ण इकाई है। अपने सदस्यों के लिये एक छोटा और बड़ा परिवार बहुत महत्वपूर्ण होता है और समाज की मजबूत इकाई के रुप में देखा जाता है क्योंकि कई परिवार एक साथ एक अच्छा समाज बनाती हैं। एक परिवार बच्चों के लिये पहला स्कूल बनता है जहां वो सभी संस्कृति, परंपरा और सबसे ज़रुरी आधारभूत पारिवारिक मूल्यों को सीखते हैं। परिवार में बच्चों को अच्छा व्यवहार और आदतें सीखाने में परिवार ही मुख्य भूमिका निभाता है। समाज में एक बेहतर चरित्र के व्यक्ति को बनाने में ये मदद करता है। मैं वास्तव में बहुत सौभाग्याशाली हूं कि एक छोटे प्यारे परिवार में पैदा हुआ हूं जहां मैं सब कुछ बचपन में ही सीख लेता हूं।
दरअसल, मैं 6 सदस्यों वाले मध्यम परिवार से संबंध रखता हूं (माता, पिता, दादा-दादी, मैं और मेरी बहन)। हम सभी अपने दादा-दादी की बात का अनुसरण करते हैं क्योंकि वो परिवार के मुखिया हैं। हम सच में परिवार में उनके प्रधान पद की बहुत इज्जत करते हैं और आनन्द उठाते हैं। वो एक महान इंसान हैं क्योंकि उन्होंने अपने समय में कई रोमांचक कार्य किये हैं। वो हमेशा हमारे भले के लिये सोचते हैं और हमारे लिये सही फैसला करते हैं। सभी पारिवारिक मामलों में उनका फैसला ही अंतिम होता है। वो डाइनिंग टेबल के मुख्य कुर्सी पर बैठते हैं। मेरे दादा-दादी बहुत ही शांत और दोस्ताना व्यक्ति हैं हालांकि हम में से कोई भी उनके खिलाफ जाने की कोशिश नहीं करता है। वो बहुत ही प्रभावशाली इंसान हैं प्यारी बातचीत से वो सभी का दिल जीत लेते हैं। वो बहुत बूढ़े हैं फिर भी हमारे गृहकार्यों में मदद करते हैं क्योंकि वो शिक्षक थे। जीवन में सफल होने के कई तरीकों के बारे में उन्होंने हमें सीखाया जैसे अनुशासन, समयपालन, स्वच्छता, नैतिकता, कड़ी मेहनत और निरंतरता।
मेरी दादी माँ भी एक प्यारी महिला हैं और वो हर रात हमलोगों को अच्छी कहानियाँ सुनाती हैं। मेरे पिता एक स्कूल में प्रधानाध्यापक हैं और अनुशासनप्रिय व्यक्ति हैं। वो बहुत समयनिष्ठ, समझदार और स्वाभाव से परिश्रमी हैं। उन्होंने भी हमें सिखाया है कि जब तुम समय खराब करते हो, एक दिन समय तुम्हें बरबाद कर देगा इसलिये कभी-भी अपने समय की बरबादी मत करो और इसका सही इस्तेमाल करो। मेरी माँ बहुत प्यारी हैं और बहुत साधारण गृहिणी हैं। वो परिवार के सभी सदस्यों का ध्यान देती हैं और हर दिन परिवार में एक खुशनुमा माहौल बनाए रखती हैं। वो दादा-दादी और बच्चों का खास ख्याल रखती हैं साथ ही साथ हमेशा समाज में गरीब और ज़रुरतमंद लोगों की मदद करती हैं। हमें बचपन से अपने परिवार में बड़ों की इज़्जत और प्यार करना तथा सड़क पर ज़रुरतमंद लोगों की मदद करना सिखाया गया है। मेरा प्यारा छोटा परिवार वास्तव में प्यार, देखभाल, शांति, समृद्धि और अनुशासन से भरा हुआ है।