जंक फूड पर निबंध – Essay on Junk Food in Hindi

जंक फूड पर निबंध 1 (100 शब्द)

स्वस्थ जीवन जीने के लिए हम में से सभी का अच्छा स्वास्थ्य का होना बहुत आवश्यक है; जिसके लिए हमें पूरे जीवनभर स्वास्थ्यवर्धक खानपान और स्वस्थ आदतों को अपनाने की आवश्यकता है। यद्यपि, बहुत से तरीकों से जंक फूड को खाने का रिवाज दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है और हमारे भविष्य को दुखद व बीमारी पूर्ण बना रहा है, जो विशेषरुप से हमारी भविष्य की पीढ़ियों को प्रभावित कर रहा है। माता-पिता को अपने बच्चों की खाने-पीने की आदतों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि बचपन में बच्चे सही और गलत को न ही जानते हैं और न ही उसका निर्णय कर पाते हैं। इसलिए वे अभिभावक ही होते हैं, जो बच्चों में सही और गलत आदतों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होते हैं। उन्हें बचपन से ही अपने बच्चों को खाने की आदतों के बारे में सिखाना चाहिए साथ ही स्वास्थ्य वर्धक भोजन और जंक फूड में अन्तर को स्पष्ट करना चाहिए।

जंक फूड पर निबंध 2 (150 शब्द)

आमतौर पर, जंक फूड देखने में बहुत ही आकर्षक और स्वादिष्ट लगते हैं और सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा इन्हें पसंद भी किया जाता है। यद्यपि, यह बहुत ही सत्य है कि, वे अंदर से बहुत ही भद्दे (बेकार) होते हैं। जैसे वे बाहर से दिखते हैं अन्दर से वैसे कभी भी नहीं होते हैं। जंक फूड को कभी भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है, इन्हें सभी तरीकों से बेकार साबित कर दिया गया है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए बहुत ही बेकार होते हैं और वे व्यक्ति जो नियमित रुप से इनका सेवन करते हैं, वे बहुत सी बीमारियों को आमंत्रित करते हैं। इनसे हृदय संबंधी बीमारियाँ, कैंसर, समय से पहले अधिक आयु का लगना, उच्च रक्त दाब, हड्डियों की समस्याएं, मधुमेह (डायबिटिज़), मानसिक रोग, पाचन तंत्र की समस्याएं, जिगर (लीवर) की समस्याएं, ब्रेस्ट कैंसर आदि बहुत सी बीमारियाँ होती है।

शोध के अनुसार, यह पाया गया है कि, युवा अवस्था बहुत ही संवेदनशील आयु होती है, जिसके दौरान एक व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य वर्धक भोजन करना चाहिए। क्योंकि इस आयु के दौरान वयस्क आयु वर्ग की ओर अग्रसर होने के कारण शरीर में बहुत से बदलाव होते हैं।

जंक फूड पर निबंध 3 (200 शब्द)

जंक फूड शब्द का अर्थ उस भोजन से है, जो स्वस्थ शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है। इसमें पोषण की कमी होती है और शरीर के तंत्र के लिए हानिकारक होता है। ज्यादातर जंक फूड उच्च स्तर पर वसा, शुगर, लवणता, और बुरे कोलेस्ट्रॉल से परिपूर्ण होते हैं, जो स्वास्थ के लिए जहर होते हैं। इनमें पोषक तत्वों की कमी होती है इसलिए आसानी से कब्ज और अन्य पाचन संबंधी बीमारियों का कारण बनते हैं। जंक फूड ने अच्छे स्वाद और आसानी से पकने के कारण बहुत अधिक प्रसिद्धि प्राप्त कर ली है। बाजार में पहले से ही निर्मित जंक फूड पॉलिथीन में पैक होकर उपलब्ध हैं। बहुत से लोग अपनी व्यस्त दिनचर्या या भोजन पकाने की अज्ञानता के कारण इस तरह, के पैक किए गए जंक फूड पर निर्भर रहते हैं।

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पूरे संसार में जंक फूड का उपभोग दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है, जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। सभी आयु वर्ग के लोग जंक फूड खाना पसंद करते हैं और आमतौर पर, जब वे अपने परिवार के साथ कुछ विशेष समय, जैसे- जन्मदिन, शादी की सालगिरह, आदि का आनंद लेने के दौरान वे इन्हें ही चुनते हैं। वे बाजार में उपलब्ध जंक फूड की विभिन्न किस्मों जैसे; कोल्ड ड्रिंक, वेफर्स, चिप्स, नूडल्स, बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राईस, चाइनीज खाना आदि का प्रयोग करते हैं।

जंक फूड पर निबंध 4 (250 शब्द)

जैसा कि हम सभी जंक फूड की सच्चाई जानते हैं और इसके लिए किसी भी तरह के परिचय की कोई आवश्यकता नहीं है। फिर भी, यह बहुत ही दिलचस्प सवाल है कि, सच्चाई जानने के बाद भी सभी लोग जंक फूड खाना क्यों पसंद करते हैं? आजकल, हम में से सभी जंक फूड के स्वाद का आनंद लेते हैं क्योंकि ये स्वादिष्ट, वहन करने योग्य और तैयार मिलते हैं। जंक फूड में कोई भी पोषक तत्व और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक मूल्यों की कमी होती है। यदि नियमित रुप से इनका उपभोग किया जाए तो ये स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। ये शरीर के ऊर्जा स्तर में कमी करते हैं और अनिद्रा का कारण बनते हैं। यह एकाग्रता के स्तर में कमी करते हैं और घातक बीमारियों; जैसे- कब्द, गैस, हार्मोन असंतुलन, हृदय रोग, उच्च रक्तदाब, मधुमेह (डायबिटिज़) आदि को निमंत्रण देते हैं।

जंक फूड बहुत तेलीय होते हैं और उनमें पोषक तत्वों की कमी होती है इस कारण, उन्हें पचाने में कठिनाई होती है और इनके क्रिया के लिए शरीर से अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन स्तर में कमी करते हैं, जिससे मस्तिष्क का उचित विकास नहीं होता। जंक फूड में बुरे कॉलेस्ट्रॉल की अधिकता होती है और जो हृदय और जिगर (लीवर) को नुकसान पहुँचाता है। पोषक तत्वों की कमी के कारण वो पेट और अन्य पाचन अंगों में खिचाव होता है और वही कब्ज का कारण भी बनता है।

जंक फूड स्वास्थ्य के लिए हमेशा हानिकारक होते हैं और यदि ये नियमित रुप से ग्रहण किए जाए तो बिना किसी लाभ के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाते हैं। हमें पूरे जीवनभर अच्छा, स्वस्थ और सुखद जीवन जीने के लिए जंक फूड को खाना नजरअंदाज करना चाहिए।

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जंक फूड पर निबंध 5 (350 शब्द)

जंक फूड शब्द अपने आपमें बहुत कुछ कहता है और स्वास्थ्य के लिए इसकी हानिकारक प्रकृति की ओर संकेत करता है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए बेकार खाना होता है क्योंकि इनमें कैलोरिन, वसा, कॉलेस्ट्रॉल, शुगर और लवणता आदि तत्वों की अधिकता पाई जाती है। आजकल, बच्चे और युवा बड़ी मात्रा में जंक फूड खाने के बहुत ही शौकीन है। वे अस्वास्थ्यकर जीवन-शैली के माध्यम से अपने जीवन को खतरे की ओर ले जा रहे हैं। वे आमतौर पर, जब भी भूख महसूस करते हैं तो चिप्स, फ्रेंच फ्राईस, क्रैक्स, स्नैक, चाउमीन, बर्गर, पिज्जा, पास्ता, और अन्य जंक फूड का सेवन करते हैं। जंक फूड हमारे लिए लाभप्रद नहीं है और कुछ भी पोषण प्रदान नहीं करते हैं।

ये सभी तरीकों से सभी आयु वर्ग के लोगों के जीवन, वजन, और स्वास्थ्य परिस्थितियों को प्रभावित करता है। जंक फूड में अधिक मात्रा में कैलोरी पाई जाती है हालांकि, जो भी इस तरह का खाना खाता है उसे जल्दी-जल्दी भूख भी लगती है। जंक फूड से आवश्यक स्तर की ऊर्जा नहीं मिलती है; इस तरह, भोजन करने वाले में जल्दी-जल्दी खाना खाने की प्रवृति उत्पन्न हो जाती है। हमें जंक फूड से जो भी प्राप्त होता है उसमें अस्वास्थ्यकर वसा होता है और उसमें कोई भी अच्छा तत्व नहीं होता है; इस प्रकार, हमें ऑक्सीजन कमी महसूस होती है और जो मस्तिष्क के कार्यकरण को बेकार करता है। हम इस तरह के भोजन से बहुत अधिक मात्रा में कॉलेस्ट्रॉल ग्रहण करते हैं जो धमनियों के कार्यकरण को बाधित करता है और हृदय के रक्त परिसंचरण में समस्या का निर्माण करता है। यही कारण है कि, हमें बहुत अधिक कमजोरी महसूस होती है। बुरे कॉलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर हमारे जिगर (लीवर) को हानि पहुँचाता है और साथ ही वजन भी बढ़ाता है।

शोध के अनुसार, बच्चें और किशोर अधिक मात्रा में नियमित आधार पर अधिक जंक फूड खाते हैं और जिसके कारण उनका वजन बढ़ता है और हृदय और लीवर की बहुत सी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। इस प्रकार के बच्चों को कम उम्र में ही शरीर में अधिक शुगर के एकत्र होने के कारण मधुमेह (डायबिटिज) और आलस्य जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जंक फूड में उच्च स्तरीय सोडियम खनिज के होने के कारण उनका रक्तदाब उच्च होता है। बच्चों और किशोरों को अभिभावकों द्वारा बचपन में ही अच्छी आदतों को विकसित करना चाहिए।

जंक फूड पर निबंध 6 (450 शब्द)

जंक फूड का स्वाद अच्छा होता है, जिसके कारण वो लगभग सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा विशेषरुप से बच्चों और स्कूल व कॉलेज जाने वाले बच्चों द्वारा पसंद किए जाते हैं। उनसे आमतैर पर, बचपन में अभिभावकों द्वारा नियमित रुप से जंक फूड खाने के लिए कहा जाता है जिसके कारण उनमें यह प्रवृति विकसित होती है। अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों के साथ कभी भी जंक फूड के बुरे प्रभावों के बारे में चर्चा नहीं की जाती है। वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार, यह पाया गया है कि, वे स्वास्थ्य पर बहुत तरीकों से नकारात्मक प्रभावों को डालते हैं। ये आमतैर पर, तले हुए पैक भोजन होते हैं, जो बाजार में मिलते हैं। इनमें कैलोरी और कॉलंस्ट्रॉल, सोडियम खनिज, शुगर, स्ट्रॉच, अस्वास्थ्यकर वसा की अधिकता और पोषक तत्वों और प्रोटीन के तत्वों की कमी होती है। जंक फूड तेजी से वजन बढ़ने का साधन है और पूरे जीवनभर शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। यह एक व्यक्ति को अधिक वजन ग्रहण करने योग्य बनाता है, जो मोटापा कहलाता है। जंक फूड का स्वाद अच्छा होता है और ये दिखने में भी अच्छे होते हैं हालांकि, शरीर में स्वस्थ कैलोरी की आवश्यकता को पूरा नहीं करता है। कुछ भोजन जैसे- फ्रेंच फ्राईस, तला हुआ भोजन, पिज्जा, बर्गर, कैंडी, कोल्ड ड्रिंक, आईस क्रीम आदि उच्च स्तर के वसा और शुगर वाले हैं। केन्द्रीय बीमारी नियंत्रक और निरोधक केन्द्र के अनुसार यह पाया गया है कि, जो बच्चे और किशोर जंक फूड खाते हैं उन्हें अलग-अलग तरह का मधुमेह (डायबिटिज) होता है। ये अलग-अलग तरह का मधुमेह शरीर में नियमित शुगर स्तर को नियमित करने में सक्षम नहीं होता। इस बीमारी के बढ़ना मोटापे और अधिक वजन के जोखिम को बढ़ाता है। यह किडनी (गुर्दों) के फेल होने के जोखिम को भी बढ़ाता है।

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प्रतिदिन जंक फूड खाना हमारे शरीर को पोषण की कमी की ओर ले जाता है। इनमें आवश्यक पोषण, विटामिन, आयरन, खनिज आदि पोषक तत्वों की कमी होती है। यह हृदय संबंधी घातक बीमारियों के जोखिम को बढ़ाता है क्योंकि इसमें वसा, सोडियम, बुरे कॉलेस्ट्रॉल की अधिकता होती है। अधिक सोडियम और बुरा कॉलेस्ट्रॉल रक्तदाब बढ़ाता है और हृदय पर अधिक दबाव डालता है। एक व्यक्ति जो अधिक जंक फूड खाता है, उसे वजन बढ़ने का खतरा रहता है और वह मोटा और अस्वस्थ होता है। जंक फूड में उच्च स्तर की कार्बोहाइडर्टे पाया जाता है, जो खून में तेजी से शुगर के स्तर में वृद्धि और व्यक्ति को आलसी बनाता है। इस तरह के भोजन को नियमित खाने वाले व्यक्ति का प्रतिबिम्ब और संवेदन अंग दिन प्रति दिन बेजान होते जाते हैं। इस प्रकार, वे बहुत ही सुस्त जीवन जीते हैं। जंक फूड कब्ज और अन्य बीमारियों, जैसे- मधुमेह, हृदय रोग, हार्ट- अटैक आदि का स्रोत है, जो खराब पोषण के कारण होती है।

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